जिला कलक्टर कुमार पाल गौतम ने कहा कि अमृत हाट मेला महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा अपने कौशल से तैयार किए गए विभिन्न उत्पादों को विपणन करने का मंच है। इस मेले के जरिये स्वयं सहायता समूहों को अपने उत्पाद को विक्रय करने मौका मिलता है और वे आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर होती है। गौतम मंगलवार को जयनारायण व्यास काॅलोनी स्थित ग्रामीण हाट में महिला अधिकारिता विभाग द्वारा आयोजित सात दिवसीय 5 वें संभाग स्तरीय 'अमृता हाट 2019-20 मेले'के उद्घाटन समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न जिलों से अमृता हाट मेले में शामिल स्वयं सहायता समूह की महिलाएं ऐसी यादें लेकर लौटे कि बीकानेर की जनता ने न केवल उन्हें प्यार और सम्मान दिया बल्कि उनके उत्पादों की भरपूर खरीददारी कर, उन्हें आर्थिक सम्बल भी प्रदान किया है। उन्होंने बीकानेरवासिया का आव्हान किया कि इस मेले में वे अवश्य आए। उन्हें विभिन्न उत्पादों में महिलाओं की कला की कौशलता की झलक देखने को मिलेगी। यहां जो भी उत्पाद है, वे बाजार भाव से न केवल सस्ते है बल्कि गुणवतापूर्ण है। उन्होंने कहा कि इन उत्पादों को महिलाओं ने स्वयं अपने हाथ से तराशा है। उनकी मेहतन की सौंधी खुशबू महसूस होगी। उन्होंने कहा कि बीकानेरवासी इन प्रोडक्ट को देखे और खरीददारी करें, क्योंकि ये प्रोडक्ट अपने छोटे समूह के माध्यम से तैयार किए है। मार्केट रेट से कम है, क्योंकि इनको बैचने के लिए विज्ञापन आदि पर खर्चा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि मेले के अवलोकन के दौरान महसूस किया किया कि इनमें आगे बढ़ने की ललक है। सभी महिला समूह में आत्म विश्वास देखने को मिला और इनमें आत्म निर्भर बनने की महत्वकांक्षा है।
जिला कलक्टर ने कहा कि राजीविका के माध्यम से संचालित अच्छे एसएचजी को अपने उत्पाद विक्रय के लिए स्थाई मार्केट दिलाने की दिशा में कार्य किया जायेगा। इसके लिए जूनागढ़ के सामने एक बाजार विकसित किया जायेगा, जिसमें हैण्डीक्राफ्ट व महिला स्वयं सहायता समूह के उत्पदों का प्रदर्शन कर, विक्रय किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि जूनागढ़ टृयूरिजम पोइन्ट भी है, पर्यटकों को भी प्रोडक्ट दिखाये जाएगे। उन्होंने कहा कि बीकानेर की ट्रेडमार्का चीजों को ज्योग्राफिकल इण्डेक्स गुड्स दिलाने के लिए नाबार्ड व जिला उद्योग विभाग को निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि बीकानेर की उस्ता कला और गणगौर बनाने की कला लुप्त न हो, इसके संवर्द्धन के लिए इसमें रूचि रखने वालों को प्रशिक्षण दिलाया जायेगा। जिला कलक्टर ने अमृता हाट मेले में बीकानेर के लोगों की अधिकाधित भागीदारी तय करने के लिए मेले के दौरान रोचक कार्यक्रम रखने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस मेले से जुड़ाव के लिए बीकानेर की पारम्परिक वेशभूषा की प्रतियोगिताएं प्रतिदिन आयोजित करवाई जाए। यह प्रतियोगिता प्रतिदिन हो और इसमें प्रथम, द्वितीय व तृतीय स्थान पर रहने वालों को इनाम दिया जायेगा। इस अवसर पर अतिरिक्त संभागीय आयुक्त इंदीवर दुबे ने कहा कि महिला स्वयं सहायता समूह को मार्केट नियमित रूप से उलब्ध हो इसके लिए निरन्तर ऐसे मेलों का आयोजन होना चाहिए। उन्होंने कहा कि इन समूहों को स्थाई रोजगार मिले,ऐसे प्रयास होने चाहिए। उन्होंने कहा कि मेले के दौरान ही इनके उत्पादों की बिक्री होती है, शेष दिनों में ये समूह सक्रिय नहीं रहते और इनकों अपने उत्पादों का उचित मूल्य नहीं मिल पाता। उन्होंने कहा कि यह संगठनात्मक क्षेत्र भी नहीं है, जो उचित मूल्य की मांग कर सके। अतः उद्योग और महिला अधिकारिता विभाग इन समूहों को लोगो दिलाने का प्रयास करें ताकि उनके उत्पाद की सभी जगह पहचान बन सके। उन्होंने कहा कि राजस्थान मंे जोधपुर और बाड़मेर के एसएचजी समूह के उत्पादों को लोगो मिला हुआ है। इस अवसर पर प्रचेता विजय लक्ष्मी जोशी ने बताया कि अमृता हाट मेले में इस बार 110 स्वयं सहायता समूहों ने शिरकत की है। राज्य के करीब 20 जिलों के समूह अपने उत्पादों की बिक्री करेंगे। इस दौरान उपभोक्ता परिधान, ऊनी वस्त्र, जूती, राजस्थानी सूखा मेवा, मशाले, आचार, ज्वैलरी, कारपेट, हैण्डीक्राफ्ट, मनिहारी का सामान, गारमेन्ट, खान-पान का सामान, ऊनी शाॅल, पर्स सहित सैकड़ों आइटम की खरीददारी कर सकेंगे। इस अवसर पर अतिथि के रूप में उपनिदेशक जनसम्पर्क विकास हर्ष भी उपस्थित थे। सीडीपीओं नवरंग ने धन्यवाद ज्ञापित किया। महिला शिक्षा केन्द्र की समन्वयक मंजू नांगल ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए ज्योति प्रकाश रंगा ने बताया कि यह मेला सुबह 11 बजे से रात्रि के 9 बजे तक आमजन के लिए निःशुल्क खुला रहेगा। इस दौरान प्रतिदिन राजस्थानी लोक गीतों की प्रस्तुति दी जायेगी। उन्होंने बताया कि 18 दिसम्बर को अंतर विभागीय समन्वय संगोष्ठी, 19 दिसम्बर को मेहन्दी, चम्मच दौड़, म्यूजिकल चेयर की प्रतियोगिता व नाटक (बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं) का मंचन उरमूल द्वारा किया जायेगा। इसी प्रकार से 20 दिसम्बर को उद्यमिता सेल्समैनशिप आमुखीकरण संगोष्ठी, 21 को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर संगोष्ठी, राजस्थानी गीतों की प्रस्तुति दी जायेगी। उन्होंने बताया कि 22 को कठपुतली व नाटक तथा 23 दिसम्बर को मले का समापन होगा। ये सभी कार्यक्रम मेला परिसर में आयोजित होंगे। इस अवसर पर सीडीपीओ शक्ति सिंह व शक्ति सिंह कच्छावा ने अतिथियों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए।
अमृत हाट मेला महिला स्वयं सहायता समूह के उत्पाद विक्रय का मंच-गौतम