तीर्थ नगरी पुष्कर में पर्यटन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण कड़ी का काम कर रही केमल सफारी के अब जल्द ही दिन फिरने वाले है। पुष्कर की केमल सफारी को राजस्थान की बेस्ट केमल सफारी बनाने की कवायद तेज हो गई है। अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपनी अलग पहचान रखने वाले पुष्कर में रोजाना सैकड़ो देशी - विदेशी पर्यटक घूमने आते हैं। विश्व के इकलौते जगत पिता ब्रह्मा मंदिर ओर यहां की अनूठी प्राकृतिक छटा के साथ साथ मरुधरा के रेतीले धोरों में होने वाली केमल सफारी लगातार अपने पांव पसार रही है। केमल सफारी के बढ़ते क्रेज को देखते हुए पर्यटन विभाग भी सक्रिय नजर आ रहा है और इसको बढ़ावा देने के लिये आवश्यक कदम उठाना शुरू कर दिए हैं। रविवार को पर्यटक सहायता बल के उपनिदेशक राजवीर सिंह ने पुष्कर के होटल आरटीडीसी सरोवर में ऊंट सफारी। जीप सफारी ओर होटल संचालको की दूसरी बार संयुक्त बैठक लेकर उन्हें केमल सफारी के नियमो से अवगत कराया । उन्होंने ऊंट संचालकों, जीप सफारी संचालको को अपना रजिस्ट्रेशन कराने, परिचय पत्र बनाने, ऊंट और ऊंट चालक का मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने सहित पौशाक ओर ऊंट चालक के लिये रुट के मापदंड तय करने के निर्देश दिए। उप निदेशक राजवीर सिंह ने कहा कि पुष्कर का पर्यटन की दृष्टि से विशेष महत्व है और काफी संख्या में देशी - विदेशी पर्यटक केमल सफारी, जीप और बाईक सफारी के लिये आते है। जल्द ही संचालकों का रजिस्ट्रेशन किया जाकर पूरी तरह से वैध रूप से कार्य को बढ़ावा दिया जाएगा और पुष्कर की केमल सफारी को राजस्थान की बेस्ट केमल सफारी बनाने के प्रयास किये जायेंगे।
राजस्थान में पुष्कर की कैमल सफारी को सर्वश्रेष्ठ बनाने की कवायद तेज
• Anupam Jain