राजस्थान विधानसभा सत्र के दौरान पुष्कर के विधायक और पूर्व संसदीय सचिव राजस्थान सरकार सुरेश सिंह रावत पुष्कर विधानसभा क्षेत्र के गांव रुपनगढ़ की एक प्राइवेट फाइनेंस को मुनाफा पहुंचाने के उद्देश्य से एक अबोध बच्ची को मकान के अंदर ही सीज कर देने वाली कांग्रेस सरकार के प्रशासन के विरोध में नौ माह की बच्ची को लेकर विधानसभा पहुंचे।
विधायक रावत ने रुपनगढ़ गांव में बीते दिन हुई इस शर्मनाक घटना के विरोध में नियम 131 के तहत सरकार की असंवेदनशीलता को कटघरे में खड़ा करते हुए प्रश्न उठाया। कि, क्या कांग्रेस सरकार में प्रशासन और पुलिस इतने निष्ठुरऔर निर्लज्ज हो गए कि एक फाइनेंस कंपनी को फायदा देने के लिए 13 फरवरी की सुबह 11 बजे मकान को 9 माह की बच्ची के साथ ही सीज कर दिया।
और तो और परिजनों के दिनभर पुलिस प्रशासन, उपखंड अधिकारी, जिला कलक्टर के चक्कर काटने के बाद भी प्रशासन को परिजनों पर तरस नहीं आया। परिजन बार-बार गुहार लगाते रहे कि बच्ची को तो छोड़ो, 9 माह की बच्ची पर भी दया नहीं आई। पूरे 8 घंटे अबोध बच्ची रोती बिलखती हुई। दर्द, भूख, प्यास, सर्दी और कराहना से पूर्ण घायल हो गई, जिसे असंवेदनशील प्रशासन ने रात को निकाला।
जिसे निकालते ही मरणासन्न बच्ची को रूपनगढ़ हॉस्पिटल द्वारा किशनगढ़ के लिए रेफर करना पड़ा। इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि उस 9 माह की बच्ची को कितनी पीड़ा सहन करने पड़ी होगी। साथ ही साथ उस मां पर क्या बीती होगी जिसकी नन्ही राजदुलारी भूखी, प्यासी बन्द मकान में तेज सर्दी के अंदर दर्द से कराह रही थी।
इसके साथ ही फाइनेंस कंपनी के पक्ष में कारवाई करने के लिए पुलिस और प्रशासन को पीडि़त परिजनों के साथ मारपीट करने और धक्का-मुक्की करने का अधिकार किसने दे दिया। कार्यवाही करने का अपना एक संयमित तरीका होता है लेकिन पुलिस प्रशासन द्वारा उस नियम संगत तरीके को नहीं अपना कर मारपीट और धक्का-मुक्की की कारवाई को अंजाम देकर मकान सीज किया गया जोकि बिल्कुल अवैधानिक हैं।
यह तो भगवान का लाख-लाख शुक्र है कि बच्ची को कुछ नहीं हुआ, यदि बच्ची के साथ कोई अनहोनी घटना घटित हो जाती तो उसका जिम्मेदार कौन होता?
विधायक रावत ने इस पूरे अमानवीय प्रकरण में दोषी पुलिस, प्रशासन और फाइनेंस कंपनी के प्रतिनिधियों पर नियमानुसार उच्च स्तरीय अधिकारियों के जांच समिति गठित कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने और पीडि़त परिवार को न्याय दिलाने के लिए सरकार का ध्यानाकर्षण किया।
फाइनेन्स कम्पनी को फायदा पहुंचाने के उद्देश से मकान में ही सीज किया नौ माह बच्ची को