अजमेर। जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर महावीर स्वामी के अहिंसा, सत्य, अचौर्य, ब्रहमचर्य और अपरिग्रह के पांच सिद्धांत हैं। भगवान महावीर ने विश्व कल्याण की राह दिखाई। लॉकडाउन के कारण जिले सहित देश भर में कार्यक्रम नहीं हुए, लेकिन जैन अनुयायी घरों में ही भगवान महावीर की पूजा विधान कर अपनी आस्था व महावीर भगवान में विश्वास व्यक्त किया। लॉक डाउन के चलते जैन धर्म के अनुयायियों में भरपूर जोश और उत्साह दिखाई दिया।
फॉयसागर रोड स्थित श्री आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर समिति सोनी नगर के अध्यक्ष राजकुमार गोधा ने बताया कि समाज के प्रत्येक मनुष्य में लोगों में धर्म के प्रति संस्कार व समर्पण है। विश्व कल्याण करने वाले महावीर स्वामी की जयंती को समाज बंधु बड़े ही उत्साह व उत्सव के रूप में मनाते आए हैं लेकिन आज इस विपदा की इस घड़ी में जैन धर्म के अनुयाई घरों में रहकर ही महावीर की पूजा वह विधान कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि नगर में महावीर जयंती पर रथ यात्राएं व अन्य धार्मिक आयोजन जैन अनुनायियों द्वारा किए जाते हैं, लेकिन कोरोना वायरस के चलते लॉकडाउन होने के कारण इस वर्ष आज सोमवार को महावीर जयंती पर लोग अपने घरों मेें ही पूजा अर्चना करेंगे। उन्होंने आगे बताया कि आज धार्मिक क्रियाओं के नाम पर मंदिर जी में दो जनों ने अभिषेक व शांतिधारा की। तत्पश्चात मंदिर में किसी भी प्रकार की कोई धार्मिक क्रियाएं नहीं की गई।
सुबह 8.00 बजे से 8.05 तक घरों की छत पर थालियां, तालियां व घंटा बजाकर अपने जोश और उत्साह को व्यक्त किया साथ ही महावीर भगवान की जय आज क्या है महावीर जयंती जैसे गगनभेदी जयकारों का जयघोष किया।
उसके पश्चात लोगों ने अपने घरों में भगवान महावीर की पूजा व विधान आयोजित किए तथा मांडने पर अर्घो को समर्पित किया। उत्तमचन्द पाटनी ने बताया कि आज महावीर जयन्ती के अवसर पर पूर्ण विधि विधान से भगवान महावीर की पूजा विधान किया गया। इस मौके पर परिवार के सभी सदस्यों ने पूजा के केसरिया वस्त्र धारण कर सुधासागर महाराज द्वारा कराए गए विधान के दौरान मांडने पर अर्घों को अर्पित किया गया। उन्होने बताया कि यह पल यादगार रहेंगे क्योंकि यह पहला मौका रहा कि सभी ने परिवार के साथ बैठकर विधान का आनन्द लिया। शाम को घरों पर ही भगवान महावीर की महाआरती की गई।