पुष्कर उपखंड में चारोंं तरफ किलेबंदी
पुष्कर। कस्बे ही नहीं अब ग्रामीण क्षेत्र भी कोरोना के खिलाफ जंग में सक्रिय हैं। पिछले एक माह से कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में जो माहौल बना है। उससे लोग जागरूक हुए हैं।
कोरोना के प्रति लोगों में कितना भय है। इसका अंदाजा ग्रामीण क्षेत्र में देखा जा सकता है, जहां लोग किसी भी बाहरी संदिग्ध को गांव में घुसने नहीं दे रहे। ग्रामीणों को कहना है कि यदि एक भी कोरोना संक्रमित आ गया तो पूरा गांव खतरे में पड़ जाएगा। यही डर ग्रामीणों को एकजुट कर रहा है।पुष्कर क्षेत्र के निकटवर्ती गांव होकरा, चावण्डिया, मोतीसर, कड़ैल की सीमाएं ग्रामीणों ने सील की है। अपने- अपने यहां सीमाओं की सुरक्षा कर रहे हैं। कई जगह बीच रास्ते खाई खोदी गई है तो अधिकतर जगह कांटे की बाड़ व बड़े पत्थर डालकर रास्ता रोक दिया गया।
ग्रामीणों का प्रयास है कि प्रवासी मजदूर लॉकडाउन के नियमों की पालना करें, ताकि कोरोना संदिग्ध की आशंका दूर हो सके। इसके लिए ग्रामीणों की इन लोगों पर भी निगाह है। यदि कोई नियमों की अनदेखी करता है तो पहले उससे समझाइश की जाती है। उसके बाद भी नहीं मानने पर प्रशासन को शिकायत करना अंतिम विकल्प है।
पुष्कर शहर सील, 1 दर्जन मार्गो पर लगाए बेरिकेटिंग
पुष्कर कस्बे को गुरुवार को पूरी तरह सील कर दिया गया। पुलिस-प्रशासन ने पुष्कर कस्बे को कई सेक्टर में विभाजित करते हुए सभी स्थानों पर बेरिकेटिंग लगाकर शहर में आने- जाने के रास्ते बंद कर दिए। इन स्थानों पर पुलिस चौकसी व नाकाबंदी बढ़ा दी गई है।थाना प्रभारी राजेश मीणा ने रामधाम तिराहे, खरेकडी मार्ग, नायक कॉलोनी श, पुरण्ड खंड , वीआईपी रोड, अंबेडकर सर्किल, बॉडी घाटी. देवनगर रोड सहित कई स्थानों का दौरा कर व्यवस्थाओं की समीक्षा की। मीणा ने सभी पुलिसकर्मियों को आने-जाने वाले राहगीर से जरूरी पूछताछ करने व हर वाहन की पूरी जांच करने के निर्देश दिए।