पांच दिन से भूखे कालबेलियां परिवारों के पेट की अग्नि शान्त, अजमेर सर्राफा महासंघ ने खिलाया 60-70 परिवारों को भोजन

अजमेर। कोरोना वायरस के संकट से जूझ रहे अजमेर प्रशासन के साथ-साथ स्वयंसेवी संस्थाएं, भामाशाह और आमजन भी अपनी-अपनी श्रद्धानुसार प्रभावित लोगों की सेवा करने में जुटे हैं। पुलिस-प्रशासन के साथ-साथ बहुत से ऐसे समाजसेवी भी हैं, जो अजमेर में रह रहे दिहाड़ी मजदूरों और जरुरतमंदों को खाना खिलाकर उनकी सेवा कर रहे हैं। इसी कड़ी में अजमेर में प्रभावित लोगों की सेवा करने के लिए अजमेर सर्राफा महासंघ ने अपनी ओर से रसोई की शुरुआत की।
कोरोना वायरस महामारी के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लॉक डाउन कर रखा है। लेकिन सभी सामाजिक संस्थाएं अपने-अपने स्तर पर जरुरतमंदों की  जरुरत पूरा करने में लगी है। चाहे पका हुआ भोजन हो या फिर कच्ची सामग्री। चाहे प्रशासन हो, पुलिस महकमा हो, नगर निगम हो या फिर सामाजिक सरोकार से जुड़ी संस्थाए, हर किसी के जहन में एक बात है कि कोई न भूखा सोए। लेकिन हाथीखेड़ा गांव के पास वकील के भट्टे के समीप करीब 60-70 कालबेलियां परिवार निवास करते है। यहां लॉक डाउन के चलते ना तो किसी सामाजिक संस्था और ना ही किसी प्रशासनिक तंत्र ने इन्हें संभाला। यह परिवार 5 दिनों से भूखा था।


सीमा सन्देश व अजमेर वाईज की टीम ने जब यहां के हालातों को देखा तो टीम से  रहा नहीं गया। पत्रकार टीम ने तुरन्त अजमेर सर्राफा महासंघ के पदाधिकारियों से सम्पर्क साधा तो उन्होंने इस बात पर अनभिज्ञता व्यक्त करते हुए तुरन्त 70-80 भोजन के पैकेट लेकर पहुंचे। कालबेलियों की स्थिति देखकर उन्हें भी आश्चर्य हुआ। एकान्त में बसेरा डाले यह परिवार पांच दिन से भूखा था। भोजन मिलने पर इन कालबेलियां परिवारों की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
कालबेलिया परिवारों ने अजमेर सर्राफा महासंघ, सीमा सन्देश व अजमेर वाईज की टीम के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि जब से शहर में लॉक डाउन हुआ है आज पहली बार हमें भोजन मिला है वो भी भर पेट।
अजमेर सर्राफा महासंघ द्वारा संचालित रसोई से दिहाड़ी मजदूरों और जरुरतमंदों तक पहुंचा रहा हैं। इस रसोई में पूरी शुद्धता और स्वच्छता से खाना तैयार किया जा रहा है। अजमेर सर्राफा महासंघ के अध्यक्ष अशोकर बिन्दल व महासचिव सुशील सोनी ने बताया कि सर्राफा ने आनन्दम् में रशोई संचालित कर रखी है। जरूरतमंद लोगों की सुविधा के लिए घरों पर खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। यह क्रम जब तक लॉक डाउन चलेगा। निरन्तर जारी रहेगा। बुधवार को 1000 भोजन के पैकेट सुबह व 1000 पैकेट शाम के वितरित किए गए। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को भोजन की जरुरत हो तो हमें सूचना दें सर्राफा संघ की गाड़ी तुरन्त भोजन की व्यवस्था करेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का आह्वान है कि कोई न भूखा सोए हम भी यहीं मक्सद लेकर चल रहें हैं।
कोरोना वायरस महामारी के चलते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में लॉक डाउन कर रखा है। लेकिन सभी सामाजिक संस्थाएं अपने-अपने स्तर पर जरुरतमंदों की जरुरत पूरा करने में लगी है। चाहे पका हुआ भोजन हो या फिर कच्ची सामग्री। इस दौरान पूर्व वार्ड पंच ज्ञानसिह रावत हाथीखेडा की भी भागीदारी रही।